यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद। 

गणतंत्र की ऐतिहासिक कहानी (विविध)

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रचनाकार: भारत-दर्शन संकलन

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को इसका संविधान प्रभावी हुआ। इस संविधान के अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।

26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक पद्धति से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है। संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

एक ब्रिटिश उप निवेश से एक सम्‍प्रभुतापूर्ण, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्‍ट्र के रूप में भारत का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना थी। 1930 में भारतीय गणतंत्र एक सपने के रूप में संकल्पित किया गया और 1950 में यह साकार हुआ।

 

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