अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल

समकालीन कहानी संकलन (कथा-कहानी)

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रचनाकार: भारत-दर्शन संकलन

भारत-दर्शन में प्रकाशित समकालीन कहानियों का प्रकाशित व अप्रकाशित संकलन।

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