सूरज की गर्मी से तपकर
पानी उड़कर भाप बना
फुदक-फुदक चिड़िया रानी ने
लिया, घोंसला एक बना।
भाप, हवा के कंधों चढ़कर
चिड़िया के, संग खूब उड़ी
और, ऊँचाई पर ठंडी हो
बन गई, बूँदें बड़ी-बड़ी।
पानी की बौछार पड़ी तो
चना फूल कर डुम्म हुआ
नन्हें पौधे के स्वागत में
करें सियार हुआ-हुआ।
-सोम्या