यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।

गर्मी की छुट्टियाँ (बाल-साहित्य )

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Author: अमृता गोस्वामी

गर्मी की लो आ गईं छुट्टियाँ
करो खूब सब मिलकर मस्तियाँ।

जी भरकर सुनो कहानियाँ
दोस्तों संग बांटो खुशियाँ।

पार्क जाओ या जाओ पिकनिक
आईसक्रीम खाओ या पियो कोल्डड्रिंक।

समर कैंप का आनंद उठाओ
हॉबी को अपनी पंख लगाओ।

नाना नानी से मिल आओ
या चाहे दोस्तों के जाओ।

नहीं चिन्ता अब कोई नहीं डर
नहीं मिला है काम बैग भर।

सुबह उठने की जल्दी नहीं है
कोई परीक्षा सिर पर नहीं है ।

गर्मी की लो आ गईं छुट्टियाँ।
करो खूब सब मिलकर मस्तियाँ॥

-अमृता गोस्वामी
  जयपुर, राजस्थान,भारत

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