कोरोना भी है
रोटी के लिए कुछ
करना भी है।
जोहते बाट
बारी-बारी पहुँचे
श्मसान घाट।
सर्व सम्पन्न
धन-साधन-अन्न
मन विपन्न
-पवन कुमार जैन
तीन हाइकु (काव्य) |
कोरोना भी है
रोटी के लिए कुछ
करना भी है।
जोहते बाट
बारी-बारी पहुँचे
श्मसान घाट।
सर्व सम्पन्न
धन-साधन-अन्न
मन विपन्न
-पवन कुमार जैन