जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

मालवीय जी (कथा-कहानी)

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रचनाकार: रोहित कुमार 'हैप्पी'

महामना मालवीय जी को एक विद्वान ने कहा-- "महाराज!  आप मुझे 100 गालियां देकर देख ले,  मुझे क्रोध नहीं आएगा।"

इस पर मालवीय जी ने मुस्कुराते हुए कहा--"पंडित जी!  आपके क्रोध की परीक्षा होने से पहले ही मेरी जबान तो गंदी हो ही जाएगी।  मैं ऐसा क्यों करूं?" 

प्रस्तुति: रोहित कुमार 'हैप्पी'

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"किसी पर कीचड़ मत उछालिए, हो सकता है आपका निशाना चूक जाए पर आपके हाथ तो सन ही जाएंगे।"

- डोरथी पार्कर [अमेरिकी कवयित्री]

 

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