वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। - मैथिलीशरण गुप्त।

सोशल मीडिया (काव्य)

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Author: अभय गौड़

सोशल मीडिया बन गया है एक नया संसार
जिसमें बढ़ता जा रहा है सूचना का भण्डार

सच और झूठ से नहीं रहा अब कोई वास्ता
सबकी अपनी मंज़िलें सबका अपना रास्ता

अब तो माननीय भी जम के प्रचार हैं करते
अपनी ढपली बजाने में कोई कसर ना रखते

'फेक न्यूज़' और 'ट्रोल' का अजब गजब पुलिंदा
संजीदा सटीक कहने वाले रह गए कुछ चुनिंदा

आज के दौर में हकीकत से बना बैठे हम दूरी
नकली दुनिया में दिखावे की हाय ये कैसी मजबूरी

-अभय गौड़
ई-मेल: abhay2088@gmail.com

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