15 दिसंबर, 2017 (भारत): मारीशस के वरिष्ठ कथाकार रामदेव धुरंधर को वर्ष 2017 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको सम्मान प्रदान किया जायेगा। यह सम्मान उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) प्रति वर्ष प्रदान करती है। इसके अंतर्गत सम्मानित साहित्यकार को प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा 11 लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया जाता है। श्री रामदेव धुरंधर को यह सम्मान अगले वर्ष 31 जनवरी को एक समारोह में दिया जाएगा।
धुरंधर का चर्चित उपन्यास ‘पथरीला सोना' 6 खंडों में प्रकाशित हुआ है। इस महाकाव्यात्मक उपन्यास में उन्होंने किसानों-मजदूरों के रूप में भारत से मारीशस आए अपने पूर्वजों की संघर्षमय जीवन-यात्रा का कारुणिक चित्रण किया है। उन्होंने ‘छोटी मछली-बड़ी मछली',‘चेहरों का आदमी',‘बनते-बिगड़ते रिश्ते', ‘पूछो इस माटी से' जैसे अन्य उपन्यास भी लिखे हैं। "विष-मंथन" तथा "जन्म की एक भूल" उनके दो कहानी संग्रह हैं। इनके अतिरिक्त उनके अनेक व्यंग्य संग्रह और लघु-कथा संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं।
मूर्धन्य कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में यह सम्मान 2011 में शुरू किया गया था। यह सम्मान प्रति वर्ष ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो। अब तक यह सम्मान श्री विद्यासागर नौटियाल, श्री शेखर जोशी, श्री संजीव, श्री मिथिलेश्वर, श्री अष्टभुजा शुक्ल एवं श्री कमलाकांत त्रिपाठी को प्रदान किया जा चुका है।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा,"मारीशस के हिन्दी लेखक के चयन से इस सम्मान को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। भारतवंशियों की संघर्ष गाथा को मुखरित करने वाले श्री रामदेव धुरंधर का सम्मान भारतीय परंपरा और संस्कृति का भी सम्मान है।"
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