जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।
15 विशिष्‍ट लोगों को 'प्रवासी भारतीय सम्‍मान पुरस्‍कार- 2015' (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

गांधीनगर, भारत (जनवरी,9,2015) उप-राष्‍ट्रपति ने गांधीनगर में प्रवासी भारतीय दिवस पर 15 विशिष्‍ट लोगों को 'प्रवासी भारतीय सम्‍मान पुरस्‍कार- 2015' प्रदान किए

उपराष्‍ट्र‍पति श्री एम हामिद अंसारी ने आज गुजरात के गांधीनगर में आयोजित 'प्रवासी भारतीय दिवस' के समापन सत्र में 15 विशिष्‍ट लोगों को 'प्रवासी भारतीय सम्‍मान पुरस्‍कार-2015' प्रदान किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अंसारी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की संख्‍या लगभग 2.50 करोड़ होने का अनुमान है। वे हर एक देश में और विश्‍व के हर एक क्षेत्र में मौजूद हैं। वे व्‍यावसायिक तौर पर किसी भी प्रकार के कौशलों के संदर्भ में किसी से भी पीछे नहीं हैं। उनमें ऐसे पुरूष एवं महिलाओं की कमी नहीं है जो वैज्ञानिक, चिकित्‍सक, अभियंता, सूचना-प्रौद्योगिकी व्‍यवसायी, व्‍यापारी, उद्यमी और निवेशक के रूप में विख्‍यात हैं। उनका भी भारत देश और इसकी सांस्‍कृतिक विरासत के साथ भावनात्‍मक लगाव है। प्रवासी भारतीय दिवस एक ऐसी संस्‍था का नाम है जो हमारे बंधनों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

उप राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा है कि भारत आज एक बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहा है, जो इसकी विशाल आबादी के बेहतर जीवन की उम्‍मीदों को मूर्त रूप देने की एक प्रक्रिया है। इसमें केंद्र और राज्‍य सरकारों के साथ-साथ इसकी जनसंख्‍या के सभी हिस्‍से, विशेषकर प्रवासी भारतीयों की सकारात्‍मक भूमिका आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि हम प्रवासी भारतीयों के अनुभव और उनके ज्ञान के बल पर सफल हो सकते हैं।

 

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