हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - राजेंद्रप्रसाद।
यदि चूहे दहाड़ सकते (बाल-साहित्य )  Click to print this content  
Author:रस्किन बॉण्ड

यदि चूहे दहाड़ सकते,
हाथी भर सकते उड़ान
और पेड़ उगते नभ में,
बिस्किट खा बाघ करते मदिरापान,
और सबसे मोटे लोग भी उड़ सकते!

यदि गीत गाते पत्थर
तो घंटियाँ कभी न बजतीं।
यदि शिक्षक पोस्ट में खो जाते;
और कछुए सरपट दौड़ पाते,
तो हार को जीत सकते
दबंगों का बना पाते टोस्ट

यदि गाने से वर्षा होती
और बंदूक से खिलतीं कलियाँ
तो सबसे बेहतर होती हमारी दुनिया!

-रस्किन बॉण्ड

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश