सोम, सोम, सोम हमारी टीचर गई रोम हमको फिर छुट्टी
मंगल, मंगल, मंगल हमारी टीचर गई जंगल हमको फिर छुट्टी
बुध, बुध, बुध हमारे टीचर का हो गया युद्ध हमको फिर छुट्टी
वीर, वीर, वीर हमारी टीचर ने बनाई खीर हमको फिर छुट्टी
शुक्रवार, शुक्रवार, शुक्रवार हमारी टीचर पड़ गई बीमार हमको फिर छुट्टी
रवि, रवि, रवि हमारी टीचर बन गई कवि हमको फिर छुट्टी
-तोनिया मुकर्जी (10 वर्ष) [ चकमक, मई 1989]
[मूल कविता में 10 वर्षीय बालिका से कविता में शनिवार छूट गया है लेकिन तुकबंदी सराहनीय है।] |