हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए दूं परीक्षा लंबी कितनी, कुछ तो करुणा कीजिए। हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए ।।
सुख के साथी थे हजारों, दुख में बंधु इक नहीं, संकटों की इस घड़ी में, आप तो सुध लीजिए। हे दयालु ईश मेरे, कुछ तो धीरज दीजिए । हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए ।।
मांगता ना ज्यादा कुछ भी, जो मिला मैं खुश रहूं इसमें भी करते कटौती, ऐसा ना भगवन कीजिए। हे दयालु ईश मेरे करुणा मुझपर कीजिए । हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए ।।
जो भरोसा है तुम्हारा, मत कभी इसे तोड़िए दुनिया हमसे रूठे सारी, आप ना मुख मोड़िए। आप ही का ध्यान हो बस, तार ऐसी जोड़िए। हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए ।।
-रोहित कुमार 'हैप्पी'
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