होली विशेषांक - मार्च -अप्रैल 2013
Released: March 2013
इस अंक की कुल रचनाएँ : 27
होली विशेषांक - पढ़िए 'होली की पौराणिक कथाएं', होली गीत, होली की कविताएं व आलेख। Holi festival stories, Holi poetry, stories and all about Holi
23 मार्च 'भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू' का बलिदानी-दिवस होता है। उन्हीं की समृति में यहां शहीदी-दिवस को समर्पित विशेष सामग्री प्रकाशित की गई है।
भारत-दर्शन का होली विशेषांक आपको भेंट। इस अंक में होली से संबंधित रचनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। भारत-दर्शन का सम्पूर्ण होली-विशेषांक पढ़ें या प्रमुख रचनाएं पढ़ें जिनमें सम्मिलित हैं- 'होली की पौराणिक-कथाएं, मीरा के होली पद, घासीराम के होली पद, सूरदास के पद, जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता, 'प्यार भरी बोली', फणीश्वरनाथ रेणु की पहली कविता, 'होली', भारतेंदु की ग़ज़ल, 'गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में', प्रेमचंद की कहानी, 'होली की छुट्टी', रसखान के फाग सवैय्ये, आलेखों में - डा जगदीश गांधी का, 'आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक है होली' और अशोक भाटिया का आलेख 'होली आई रे'।
उपरोक्त सामग्री के अतिरिक्त महादेवी वर्मा, फणीश्वरनाथ रेणु व अज्ञेय की रचनाएं प्रकाशित की गई हैं। तीनों का जन्म मार्च में हुआ था। महादेवी वर्मा का जन्म-दिवस 26 मार्च को होता है, वैसे वे होली के दिन ही पैदा हुई थीं। अन्य भारतीय उत्सवों की तरह होली के साथ भी विभिन्न पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। यहाँ विभिन्न कथाओं को उद्धृत किया गया है। पढ़िए 'होली की पौराणिक कथाएं'।
आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। इस अंक से हम हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी प्रकाशित कर रहे हैं यदि आप के पास दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।