अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल
लोहड़ी आयी
 
 

आयी आयी लोहड़ी आयी
खुशबू मूंगफली रेवड़ी की लायी।

ठंडी हवा को दूर भगा के
गर्मी अग्नि से लायी।

आग के आस-पास बैठ कर
गा के सबने खुशियां मनाई।

बच्चों ने नाच नाच कर
खूब कर ली अपनी कमाई।
आयी आयी लोहड़ी आयी।।

- डॉ दीपिका  ई-मेल: deep2581@yahoo.com

 
 
 
 
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