हिंदी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिये बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है। - सुनीतिकुमार चाटुर्ज्या।
प्यारे बच्चो | बाल कविता
 
 

सुबह सवेरे उठकर बच्चो!
मात-पिता को शीश नवाओ ।
दातुन कुल्ला करके प्रतिदिन,
मुँह की बदबू दूर भगाओ ।


तन को स्वस्थ बना रखने को,
नित व्यायाम करो हल्का-सा ।
ताजे़ जल से रोज नहाकर,
कुछ क्षण नाम जपो ईश्वर का ।


कभी न गंदे वस्त्र पहनना,
सदा साफ़ औ' सुथरे रहना ।
अच्छे कहलाना चाहो तो,
करना सदा बड़ों का कहना ।


झूठ बनाना पड़ता बच्चो!
सच्चाई है बनी बनाई ।
सदा सत्य ही जो कहता है,
मिलती जग में उसे बड़ाई ।


सदा लगाओ मन पढ़ने में,
कभी न पढ़ने से मुँह मोडो ।
डरो नहीं तुम कभी किसी से,
कभी नहीं साहस को छोड़ो ।

-डा राणा प्रताप सिंह 'राणा'

[मीठे बोल]

 

 
 
 
 
Post Comment
 
Name:
Email:
Content:
Type a word in English and press SPACE to transliterate.
Press CTRL+G to switch between English and the Hindi language.
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश