भोले भाले बालक सारे। हैं चाचा नेहरू के प्यारे ।। सूरज चन्दा बन कर चमकें- दूर करें हम अंधियारो को। नील गगन के आँचल से हम- लाएँ चाँद सितारों को ।। देश की नैया के बनें खिवैया- हम भारत के कृष्ण कन्हैया ।। अमन-चैन की सरिता बहाएँ- भारत के हर घर हर द्वारे । भोले भाले बालक सारे। हैं चाचा नेहरूके प्यारे ।। देशद्रोह गद्दारों को हम - वसुन्धरा से मिटाएँगे । राष्ट्र-प्रेम के मधुर गीत हम- मिल जुल कर सब गाएँगे । वीर भरत बन जाएँगे हम- शेरों को गोद खिलाएँगे । मातृ-भूमि पर नित बलि जाएँ- शुभ पावन हों कर्म हमारे । भोले भाले बालक सारे। हैं चाचा नेहरू के प्यारे ।।
- अज्ञात साभार- हमारे त्योहार और उत्सव संपादक-प्रकाश नारायण नाटाणी |