बालक कबीर साहब जब छोटे- छोटे बच्चों के साथ खेलते थे, तब सदैव "राम- राम", "गोविंद- गोविंद", "हरि- हरि" कहा करते थे। यह सुनकर मुसलमान लोग कहते थे कि यह लड़का कट्टर काफ़िर होगा। बालक कबीर ने उन मुसलमानों को जवाब दिया -
- काफ़िर वह होगा, जो दूसरों का माल लूटता होगा। - काफ़िर वह होगा, जो कपट भेष बनाकर संसार को ठगता होगा। - काफ़िर वह होगा, जो निर्दोष जीवों को काटता होगा। - काफ़िर वह होगा, जो मांस खाता होगा। - काफ़िर वह होगा, जो मदिरा पान करता होगा। - काफ़िर वह होगा, जो दुराचार तथा बटमारी करता होगा।
फिर मैं कैसे काफ़िर हूँ ?
उसी समय आपने यह साखी कही - गला काटकर बिसमिल करें, ते काफिर बेबूझ। औरन को काफिर कहै, अपनी कुफ़्र न सूझ।।
[ भारत-दर्शन संकलन]
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