अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल

हरिहर झा | ऑस्ट्रेलिया | Harihar Jha | Profile & Collections

ऑस्ट्रेलिया के प्रवासी हिंदी साहित्यकार हरिहर झा (Harihar Jha) मूलत: राजस्थान से हैं। आपका का जन्म 7 अक्टूबर 1946 को राजस्थान, भारत में हुआ।

उदयपुर विश्वविद्यालय से एम.एस. सी. (गणित) करने के पश्चात भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के कम्प्यूटर विभाग, मुम्बई में 18 वर्षों तक वैज्ञानिक अधिकारी पद पर कार्यरत रहे। पिछले कई वर्षों से मेलबॉर्न (आस्ट्रेलिया) में मेलबर्न के मौसम विभाग मे वरिष्ठ सूचना-तकनीकी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

हरिहर झा इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ़ पोएट्स के सदस्य हैं। साहित्य सृजन के अतिरिक्त संगीत, शतरंज और पठन-पाठन में रुचि रखते हैं।

 

हरिहर झा | ऑस्ट्रेलिया | Harihar Jha 's Collection

Total Records: 4

कलम गहो हाथों में साथी

कलम गहो हाथों में साथीशस्त्र हजारों छोड़

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लिखना बाकी है

शब्दों के नर्तन से शापितअंतर्मन शिथिलायालिखने को तो बहुत लिखापर कुछ लिखना बाकी है

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मण्डी बनाया विश्व को

लुढ़कता पत्थर शिखर से, क्यों हमें लुढ़का न देगा ।

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मदिरा ढलने पर | कविता

 

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