अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल

शिवनारायण जौहरी विमल | Profile & Collections

शिवनारायण जौहरी विमल स्वतंन्त्रता संग्राम सेनानी है। आपका जन्म शाजापुर में 1926 में हुआ था। आप सेवानिवृत्त प्रमुख विधि सचिव हैं व आपने बी.ए. ,बी. एससी, एल.एल.बी. व एल.एल.एम की उपाधियाँ ली हैं।

आपकी कविताओं में ना सिर्फ कल्पना के अतिरिक्त भोगा और महसूस किया गया सत्य उद्घाटित होता है। आपकी कविताएं भोगे हुए सत्य की पीड़ा में भीगे हुए शब्द है। आप जीवन के विविध रंगों को कविता में बड़ी सुंदरता से पंक्तिबद्ध करते हैं ।

आपका कविता-पाठ भोपाल, राची, मुंबई रेडियो से प्रसारित हुआ है।

आपका भजन, 'मैने तो श्याम रंग ओढ लियो रे' अनूपजलोटा के अतिरिक्त कई गायकों द्वारा गाया गया है।

प्रकाशित पुस्तकें:
रूपा (खंड काव्य, अंतर्मन के साथ, जिजीविषा, त्रिपथगा, क्षितिज से। इनके अतिरिक्त कानून की अनेक पुस्तके व हिन्दी अंग्रेजी आलेख प्रकाशित।

सम्मान: 
स्वतंत्रता सेननी का सम्मान।
बुंदेलखंडीय समाज द्वारा सम्मानित किया गया।

शिवनारायण जौहरी विमल 's Collection

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दुबले पतंगी कागज़ काउड़ता हुआ टुकड़ा नहींप्रसूती मन कीबलवती संतान हैं।

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