गोपालप्रसाद व्यास | Gopal Prasad Vyas साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 14

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नेता एकम नेता 

नेता एकम नेता 
हरदम उल्लू चेता 
नेता दूनी रैली 

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आराम करो | हास्य कविता

एक मित्र मिले, बोले, "लाला, तुम किस चक्की का खाते हो?
इस डेढ़ छटांक के राशन में भी तोंद बढ़ाए जाते हो।
क्या रक्खा माँस बढ़ाने में, मनहूस, अक्ल से काम करो।

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भई, भाषण दो ! भई, भाषण दो !!

यदि दर्द पेट में होता हो
या नन्हा-मुन्ना रोता हो
या आंखों की बीमारी हो

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हाय, न बूढ़ा मुझे कहो तुम !

हाय, न बूढ़ा मुझे कहो तुम !
शब्दकोश में प्रिये, और भी
बहुत गालियाँ मिल जाएँगी

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सरकार कहते हैं

बुढ़ापे में जो हो जाए उसे हम प्यार कहते हैं,
जवानी की मुहब्बत को फ़कत व्यापार कहते हैं।
जो सस्ती है, मिले हर ओर, उसका नाम महंगाई,

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दिवाली के दिन | हास्य कविता

''तुम खील-बताशे ले आओ,
हटरी, गुजरी, दीवट, दीपक।
लक्ष्मी - गणेश लेते आना,

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हिन्दी की होली तो हो ली

(इस लेख का मज़मून मैंने होली के ऊपर इसलिए चुना कि 'होली' हिन्दी का नहीं, अंग्रेजी का शब्द है। लेकिन खेद है कि हिंदुस्तानियों ने इसकी पवित्रता को नष्ट करके ए...

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सत्ता

सत्ता अंधी है
लाठी के सहारे चलती है।
सत्ता बहरी है

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सीखा पशुओं से | व्यंग्य कविता

कुत्ते से सीखी चापलूसी
मलाई चट करना बता गई पूसी
बकरे से अहं ब्रह्मास्मि-मैं-मैं

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कवि हूँ प्रयोगशील

गलत न समझो, मैं कवि हूँ प्रयोगशील,
खादी में रेशम की गांठ जोड़ता हूं मैं।
कल्पना कड़ी-से-कड़ी, उपमा सड़ी से सड़ी,

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व्यंग्य कोई कांटा नहीं

व्यंग्य कोई कांटा नहीं-
फूल के चुभो दूं ,
कलम कोई नश्तर नहीं-

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नारदजी को व्यासजी का नमस्कार!

वंदनीय, भक्तप्रवर, देवर्षि एवं आदिपत्रकार नारदजी महाराज, मेरे हार्दिक प्रणाम स्वीकार करें !
लगभग 45 वर्षों से आप नियमित 'हिन्दुस्तान' के सुधी पाठकों के लि?...

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खूनी हस्ताक्षर

वह खून कहो किस मतलब का,
जिसमें उबाल का नाम नहीं ?
वह खून कहो किस मतलब का,

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नेताजी का तुलादान

देखा पूरब में आज सुबह,
एक नई रोशनी फूटी थी।
एक नई किरन, ले नया संदेशा,

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गोपालप्रसाद व्यास | Gopal Prasad Vyas का जीवन परिचय