व्याकरणाचार्यों से दीक्षा लेकर नहीं कोशकारों के चेले बनकर भी नहीं इतिहास से भीख माँगकर तो कतई नहीं
नए शब्दों के लिए नापनी होंगी दिशाएँ फाँकने पड़ेंगे धूल सहने पड़ेंगे शूल
अभीनिहायत अपरिचित, उदास, एकाकी शब्दों की उपस्थितिनहीं हुई है कविता में
अभी पराजय की घोषणा न क...
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