डूब जाता हूँ मैं ज़िंदगी के उन तमाम अनुभावों मेंजब खोलता हूँ अपने जहन कीएल्बम पन्ना दर पन्ना औरजब झांकता हूँ उन यादों में
कुछ यादें सकूं देती हैंकुछ यादें परेशान करती हैंकुछ प्रतिशोध की आग में जलाती हैंतो कहीं कुछ हौसला भी पाता हूँजब झांकता हूँ उन यादों में
कहीं कुछ पाने की ख़ुशी हैतो कहीं कुछ ख...
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