सूरदास साहित्य Hindi Literature Collections of Surdas

कुल रचनाएँ: 4

Author Image

राखी बांधत जसोदा मैया

राखी बांधत जसोदा मैया।विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया॥हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया॥बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया।नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया।सूरदास गिरिधर ...

पूरा पढ़ें...

सूर के पद | Sur Ke Pad

सूरदास के पदों का संकलन - इस पृष्ठ के अंतर्गत सूर के पदों का संकलन यहाँ उपलब्ध करवाया जा रहा है। यदि आपके पास सूरदास से संबंधित सामग्री हैं तो कृपया 'भारत-दर्शन' के साथ साझा करें।
 
मुख दधि लेप किएसोभित कर नवनीत लिए।घुटुरुनि चलत रेनु तन मंडित मुख दधि लेप किए॥
चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिल...

पूरा पढ़ें...

मन न भए दस-बीस - सूरदास के पद

मन न भए दस-बीस
ऊधौ मन न भए दस-बीस।एक हुतो सो गयो स्याम संग को अवराधै ईस॥
इंद्री सिथिल भई केसव बिनु ज्यों देही बिनु सीस।आसा लागि रहत तन स्वासा जीवहिं कोटि बरीस॥
तुम तौ सखा स्याम सुंदर के सकल जोग के ईस।सूर हमारैं नंदनंदन बिनु और नहीं जगदीस॥
#
मन माने की बात
ऊधौ मन माने की बात।दाख छुहारा छांडि...

पूरा पढ़ें...

हरि संग खेलति हैं सब फाग - सूरदास के पद

हरि संग खेलति हैं सब फाग।इहिं मिस करति प्रगट गोपी: उर अंतर को अनुराग।।सारी पहिरी सुरंग, कसि कंचुकी, काजर दे दे नैन।बनि बनि निकसी निकसी भई ठाढी, सुनि माधो के बैन।।डफ, बांसुरी, रुंज अरु महुआरि, बाजत ताल मृदंग।अति आनन्द मनोहर बानि गावत उठति तरंग।।एक कोध गोविन्द ग्वाल सब, एक कोध ब्रज नारि।छांडि सकुच ...

पूरा पढ़ें...

सूरदास का जीवन परिचय