चुंगी-दफ्तर खूब रँगा-चुँगा है । उसके फाटक पर इंद्रधनुषी आकार के बोर्ड लगे हुए हैं । सैयदअली पेंटर ने बड़े सधे हाथ से उन बोर्ड़ों को बनाया है । देखते-देखते ?...
कितना लम्बा सफर है! और यह भी समझ नहीं आता कि यह पाकिस्तान बार-बार आड़े क्यों आता रहा है। सलीमा! मैंने कुछ बिगाड़ा तो नहीं तेरा...तब तूने क्यों अपने को बिगाड़ ...
कहानी बहुत छोटी सी है।
मुझे ऑल इण्डिया मेडिकल इंस्टीटयूट की सातवीं मंज़िल पर जाना था। आई. सी. यू. में। गाड़ी पार्क करके चला तो मन बहुत ही दार्शनिक हो उठा था...
सारा शहर सजा हुआ था। खास-खास सड़कों पर जगह-जगह फाटक बनाए गए थे। बिजली के खम्बों पर झंडे, दीवारों पर पोस्टर। वालंटियर कई दिनों से शहर में परचे बाँट रहे थे। म...