कजा ने जब से होश संभाला था, तभी से उसके कान में इन शब्दों की झँकार सुनाई दी थी कि ‘पति देवता है।’ उसकी बहिनों के विवाह हुए थे, तब उसकी माता ने उन्हें यही पाठ पढ़ाया था। उसकी सहेलियाँ जब ससुराल के लिए विदा हो रही थीं, तब भी उसने इन्हीं पवित्र वाक्यों को सुना था। वह समझने लगी थी कि 'पति...
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