आजकल हर समय विचारों के झंझावात चलते रहते हैंसही गलत का नहीं पता कुछ, बस यह यूं ही बढ़ते रहते हैं कभी किसी बात में होता चिंतन किसी ने मनन यह यूं ही चलता रहा, समय हर क्षण।
कितनी गहन मशीनरी है, यह मस्तिष्क हमाराकितनी अनमोल रचना है, प्रदत प्रभु द्वाराइसके जैसी ना मानव बना...
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