सुहाना सहाना लगे यह मौसम, यह रिमझिम यह सरगम, यह गुंजनयादों के बीच चले जब बचपनसुहाना सूहाना लगे यह मौसम यह रिमझिम
मदहोश लहरों से सतरंगी सपनेआँखों में ठहरे साँझ सवेरेधरती को चूमें अमुवा की डालेंबहकी फिजाओं में खुशबू के डेरेपेड़ों के झुरमुट तले,यह पंचम, यह थिरकन, यह झनझन, यह उन्मनमेघा के बीच चले ...
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