प्रीता व्यास | न्यूज़ीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 14

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मैं कवि हूँ

मैं डॉक्टर नहीं हूँमैं तुम्हारी बीमारी के लिएदवा नहीं दे सकतीतुम्हारी कमज़ोरी के लिएटॉनिक नहीं दे सकतीमैं कवि हूँमैं सिर्फ दे सकती हूँ तुम्हेंदिल की गहराई से निकली कविता इसे रख लोशायद फ़र्क़ पड़ेशायद ढाढस मिलेकभी-कभीशब्द चमत्कार कर जाते हैं।
-प्रीता व्यास

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सहेजे हैं शब्द

शौकिया जैसे सहेजते हैं लोगरंगीन, सुंदर, मृत तितलियाँसहेजे हैं वैसे ही मैंनेभाव भीगे, प्रेम पगे शब्द। शब्द, जो कभीचंपा के फूल की तरहतुम्हारे होंठों से झरे थे।शब्द, जो कभीगुलाब की महक सेतुम्हारे पत्रों में बसे थे। शब्दजो बगीचे में उडती तितलियों सेथे कभी प्राणवंत सहेज रखे हैं मैंनेवे सारे शब्द। क्य...

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मुझे देखा ही नहीं

देखतीं है आँखें बहुत कुछज़मीं, आसमान, सड़कें, पुल, मकानपेड़, पौधे, इंसानहाथ, पैर, मुहं, आँख, कानआँसू, मुस्कानमगर खुली आँखों भी अनदेखा रह जाता है बहुत कुछपैरों तले की घंसती ज़मीनसर पर टूटता आसमानढहता हुआ सेतुबढती दरम्यानी दूरियांघर का घर ही ना रहनाये कुछ भीनहीं देख पाती आँखेंतुमने जो भर-भर नयनमुझे...

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तुम्हारे रक्त में बहूं मैं

मेरी ख़ामोशी काये अर्थ नहींकि मै बस राख हूँगौर से देखोराख की परतों तलेसुलगती आग भी हैअगर तुम्हें जलने का डर ना होतो ये आग उठाकरअपने दिल में रख लोमै चाहती हूँकि तुम्हारी नसों मेंबहते रक्त के साथऊर्जा बनकरमै जिंदगी भर बहती रहूँ।
-प्रीता व्यास  न्यूज़ीलैंड
 

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कौन है वो?

कोई हैजिसके पैरों कि आहट सेचौंक उठते हैं कानकोई हैजिसकी यादभुला देती है सारे कामकोई है जिसकी चाहकभी बनती है कमजोरीकभी बनती है शक्तिकोई हैजो कंदील सा टिमटिमाता हैमन के सूने गलियारों मेंकोई हैजो प्रतिध्वनि सा गूंजता हैह्रदय कि प्राचीरों मेंकौन है वो?तुम हो, तुम हो, तुम्हीं तो हो।
-प्रीता...

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कोई नहीं होगा साक्षी

पत्थर के नहीं हैंये मेरे- तुम्हारे रिश्तेकी चोट सह लेंकिरच-किरच हो जायेंगेदेखो, कांच के रिश्ते हैं येखुद को सम्हालोकहीं टूट जायेऔर कोई टुकड़ापाँव तले आ गयातो फर्श लाल हो जायेगाऔर तुम्हारी इस तकलीफ का साक्षीकोई नहीं होगा।
-प्रीता व्यास  न्यूज़ीलैंड
 

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हममें फ़र्क़ है

तुम्हारा नजरिया भले ही समान होमेरे और अख़बार के प्रति,मगर हममें फ़र्क़ हैसामयिक सूचनाओं से भरापहला पेज नहीं हूँ मैजो समय के साथ रद्दी हो जायेगामै तो वो विशिष्ट परिशिष्ट हूँजो समय के साथसंग्रहणीय होता जायेगासरसरी नज़र डाल करभले ही रद्दी वाले को थमा दोध्यान दे लोगेतो हिफाज़त सेरखने की फ़िक्र करोगे।...

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अपनों की बातें

बातें उन बातों की हैंजिनमें अनगिन घातें थीं,बातें सब अपनों की थीं।
अपनों की थीं सो चुभती थीं,चुभती थीं सो दुखती थीं,दुखती थीं पर सहनी थीं,सहना ही तो मुश्किल था।
मुश्किल से पार उतरना थाजीवन था और जीना था।
जीना था सो ठान लियाना दुखना है, ना रोना है,ना टुकड़ा- टुकड़ा होना है,ना हार के ऐसी बातों स...

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दादी कहती दाँत में | बाल कविता

दादी कहती दाँत में मंजन नित कर नित कर नित कर साफ़-सफाई दाँत जीभ की नितकर नित कर नित कर।  सुन्दर दांत सभी को भाते आकर्षित कर जाते, खूब मिठाई खाओ अगर तो कीड़े इनमें लग जाते, दोनों समय नियम से मंजन नित कर नित कर नित कर दादी कहती दांत में मंजन नित कर नित कर नित क...

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तुझे पाती हूं तो जी जाती हूं

बादल ही क्यों ना फट जाएँतेरे पीछे मे रोती भी नहींमेरे आंसुओं को भीतेरी हीउँगलियों से पुंछने की आदत है। तुझे पाकर ही छलकता है भरा मनतुझे पाकर ही टूटता है बाँधतुझे पाकर ही लौटती है होंठों पर गुनगुनाहटतुझे पाकर ही खिलती हैउजली धूप से मुस्कान। तुझसे ही प्राण पाती हैंमेरी संवेदनाएंतुझसे ही जागती है मे...

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कसौटी

वो मेरे लिए ला सकता हैफलक के चाँद-तारेनहीं ला सकता तोक्राइसिस के दिनों मेंगैस का सिलेंडर।
वो ला सकता है मेरे लिएहथेली पर उगा कर सरसोंनहीं ला सकता तो एक अदद नियुक्ति पत्र।
वो कर सकता है मेरे लिएरात को दिन, दिन को रातनहीं कर सकता मगरवक्त पर मुझे टेलीफोन।
जान दे सकता है मेरे लिएनहीं दे सकतातो एक ...

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बुद्धू बेलोग

बात काफी पुराने समय की है जब न टीवी थी ना रेडिओ, ना इंटरनेट ना फोन. इंडोनेशिया के द्वीप बाली में एक सीधा-साधा सा लड़का अपनी माँ के साथ रहा करता था। वो इतना सीधा था कि कोई न कोई बेवकूफी कर बैठता था और लोगों को लगता था कि ये तो बुद्धू है। पता नहीं उसका असली नाम क्या था लेकिन गाँव वाले उसे 'बेलोग' प...

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काबायान अमीर न बन सका

काबायान एक गरीब आदमी था। उसकी जीविका 'रोज़ कुंवा खोदो, रोज़ पानी पीओ' वाले ढर्रे पर चल रही थी। दुनिया के तमाम लोगों की तरह वह भी अमीर होने का सपना देखता था।
एक बार काबायान और उसकी पत्नी पवित्र गेदे पर्वत पर गए ताकि अपना कुछ समय ईश्वर की उपासना, ध्यान और साधना में व्यतीत कर सकें। काबायान के मन मे...

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प्रीता व्यास | न्यूज़ीलैंड का जीवन परिचय