धनई और कन्हई लंगोटिया यार थे और पड़ोसी भी। ऐसा लगता था कि उनके दो शरीर थे परन्तु आत्मा एक ही थी। वे प्रण बांध कर हर दिन कम से कम चार घण्टे एक साथ बिताते थे। आ...