पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 4

Author Image

बुढ़िया

बुढ़िया चला रही थी चक्की
पूरे साठ वर्ष की पक्की।
दोने में थी रखी मिठाई

पूरा पढ़ें...

झलमला

मैं बरामदे में टहल रहा था। इतने में मैंने देखा कि विमला दासी अपने आंचल के नीचे एक प्रदीप लेकर बड़ी भाभी के कमरे की ओर जा रही है। मैंने पूछा, 'क्यों री! यह क्य...

पूरा पढ़ें...

उलहना

कहो तो यह कैसी है रीति?
तुम विश्वम्भर हो, ऐसी,
तो होतो नहीं प्रतीति॥

पूरा पढ़ें...

कृतघ्नता

चन्द्र हरता है
निशा की कालिमा,
हृदय की देता

पूरा पढ़ें...

पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय