"शब्द किस तरह कविता बनते हैं इसे देखो
एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है
मेरे चेहरे में वे आँखें लौट आयी हैं जिनसे मैंने पहली बार जंगल देखा है : हरे रंग का एक ठोस सैलाब जिसमें सभी पेड़ डूब गए हैं।