स्वामी विवेकानंद साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 17

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स्वामी विवेकानन्द का विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में दिया गया भाषण

स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। विवेकानंद का जब भी जि़क्र आता है उनके इस भा?...

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स्वामी विवेकानन्द के अनमोल वचन

"उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।" अर्थात् उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत।
मैं सिर्फ और सिर्फ प्रेम की शिक्षा देता हूं और मेरी सारी शिक्...

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स्वामी विवेकानंद के प्रसंग व कथायें | Swami Vivekanada

इन पृष्ठों में स्वामी विवेकानन्द से संबंधित प्रसंगों व कथाओं को संकलित किया गया है।

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स्वामी विवेकानंद की कविताएं

यहाँ स्वामी विवेकानंद की कविताएं संकलित की गई हैं।
 
 

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काली माता

छिप गये तारे गगन के,
बादलों पर चढ़े बादल,
काँपकर गहरा अंधेरा,

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पवहारी बाबा की कथाएं

स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषणों व लेखन में कई स्थानों पर पवहारी बाबा का उल्लेख किया है। 'पवहारी' यानी पवन का आहार करने वाला। पवहारी बाबा के बारे में प्रस...

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प्रियतम का दूत

एक बार उन्हें गोरखा सांप ने काट लिया था। आपके विश्वती पर प्रभाव से वे थोड़े ही समय में बेसुध हो गए थे। इस अवस्था में बहुत समय व्यतीत हो गया। लोगों ने समझा,...

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सागर के वक्ष पर

नील आकाश में बहते हैं मेघदल,
श्वेत कृष्ण बहुरंग,
तारतम्य उनमें तारल्य का दीखता,

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चोर और पवहारी बाबा

प्रसिद्ध योगी पवहारी बाबा गंगातट पर निर्जन वास करते थे। एक रात बाबाजी की कुटिया में एक चोर घुसा। कुछ बरतन, कपड़े और एक कंबल ही बाबा की कुल जमा पूंजी थी। च?...

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ज्ञान

एक बार स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस से पूछा, "बहुत-से पंडित अनेक शास्त्रों का पाठ करते हैं। वेद-पाठ में ही संपूर्ण जीवन बिता देते ...

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पवहारी बाबा

अपने भारत भ्रमण के दौरान स्वामी विवेकानंद एक संत से मिले जिसने उन्हें पवहारी बाबा की एक कथा सुनाई। कथा इस प्रकार थी- प्रसिद्ध योगी पवहारी बाबा गंगातट पर ?...

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दीक्षा | कहानी

एक व्यक्ति बहुत दुष्ट था। एक दिन जब वह दुष्कर्म करते हुए पकड़ा गया तो दंडस्वरूप उसकी नाक काट कर उसे भगा दिया गया। अब वह व्यक्ति अपने नक-कटे मुँह को लेकर ल?...

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डर

एक बार स्वामी जी दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे कि तभी बहुत-से बंदरों ने उन्हें घेर लिया। वे उनके नज़दीक आने लगे और डराने लगे। स्वामी जी भयभीत हो गए और ख?...

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निर्भीक बालक

बचपन से ही भय किसे कहते हैं नरेन्द्र नहीं जानते थे। जब उनकी आयु केवल छह वर्ष थी, एक दिन वे अपने मित्रों के साथ 'चड़क' का मेला देखने गये। नरेन्द्र मेले में से ...

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मानव धर्म सर्वोपरि

स्वामी विवेकानंद बेलूर में श्री रामकृष्ण परमहंस मठ की स्थापना हेतु धन संग्रह कर रहे थे। भूमि भी खरीदी जा चुकी थी। इन्हीं दिनों कलकत्ता में प्लेग की महाम...

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गुरुमाता का आशीर्वाद | प्रसंग

पश्चिम के लिए निकलने से पहले स्वामी विवेकानंद अपनी गुरुमाता (स्वामी रामकृष्ण परमहंस की पत्नी) शारदा देवी का आशीर्वाद लेने गए।
विवेकानंद पहली बार स्वाम?...

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पूर्णाहुति

पवहारी बाबा अधिकतर अपनी गुफा में रहते थे। अपने अंतिम समय में उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया था। जब वे गुफा से बाहर आते, तब लोगों से बातचीत करते ?...

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स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय