मेरी भवबाधा हरो, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाँई परे, स्याम हरित दुति होय॥
सरलार्थ : मेरी सांसारिक बाधा को, जन्म-मरण की आपदाओं को, वे राधा नागरी दूर करे?...
रीति काल के कवियों में बिहारी सर्वोपरि माने जाते हैं। सतसई बिहारी की प्रमुख रचना हैं। इसमें 713 दोहे हैं। बिहारी के दोहों के संबंध में किसी ने कहा हैः
सतसइ...