दोहे

दोहा मात्रिक अर्द्धसम छंद है। इसके पहले और तीसरे चरण में 13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। इस प्रकार प्रत्येक दल में 24 मात्राएं होती हैं। दूसरे और चौथे चरण के अंत में लघु होना आवश्यक है। दोहा सर्वप्रिय छंद है।

कबीर, रहीम, बिहारी, उदयभानु हंस, डा मानव के दोहों का संकलन।

इस श्रेणी के अंतर्गत

गुरु महिमा दोहे

- भारत-दर्शन संकलन

गुरू महिमा पर दोहे
...


मलूकदास के दोहे

- मलूकदास

भेष फकीरी जे करें, मन नहिं आवै हाथ ।
दिल फकीर जे हो रहे, साहेब तिनके साथ ॥
...