कबीर के नीति दोहे
साई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय ।
मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भूखा जाय ॥
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कबीर, रहीम, बिहारी, उदयभानु हंस, डा मानव के दोहों का संकलन।
साई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय ।
मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भूखा जाय ॥
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बहुत बुरों के बीच से, करना पड़ा चुनाव ।
अच्छे लोगों का हुआ, इतना अधिक अभाव ।।
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