गति का कुसूर

रचनाकार: अशोक चक्रधर

क्या होता है कार में
पास की चीज़ें
पीछे दौड़ जाती हैं
तेज़ रफ़्तार में!

और यह शायद
गति का ही कुसूर है,
कि वही चीज
देर तक
साथ रहती है
जो जितनी दूर है ।

-अशोक चक्रधर

[सोची-समझी, प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली]