अटलजी को भारत-रत्न

रचनाकार: भारत-दर्शन समाचार

देहली (27 मार्च 2015): भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को 27 मार्च, 2015 को नई दिल्ली में अटलजी के आवास पर  "भारत रत्न" प्रदान किया।  देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 'भारत-रत्न', मानव प्रयत्न के किसी भी क्षेत्र में की गई सर्वोच्च स्तर की असाधारण सेवाकार्य/निष्पादन के सम्मान के फलस्वरूप प्रदान किया जाता है।

The President, Shri Pranab Mukherjee conferring the Bharat Ratna on the former Prime Minister, Shri Atal Bihari Vajpayee, at his residence, in New Delhi on March 27, 2015. अटलजी अपने विचारों की सुस्पष्टता, अपनी सूझ-बूझ और वाक्पटुता के लिए विख्यात भारतीय राजनेता हैं।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति के अतिरिक्त, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी व विपक्ष के नेता और कुछ अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

अटलजी को 'भारत-रत्न' दिए जाने के उपरांत प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी भावनाएं इस प्रकार व्यक्त कीं, "भारत भक्ति में जिन्होंने अपना जीवन समर्पित किआ, ऐसे माँ भारती के लाडले, अटल बिहारी वाजपेयी जी को आज भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य हमें मिला है। मैं राष्ट्रपतिजी का बहुत आभार व्यक्त करता हूँ कि वे स्वयं यहाँ आए, और अटलजी को रू-ब-रू में उन्होंने भारत रत्न से सम्मानित किया। अटलजी का जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा। वे पल-पल राष्ट्र के लिए जीए, राष्ट्र के लिए सोचते रहे। और हिंदुस्तान में मेरे जैसे करोड़ों ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिनके जीवन में वाजपेयी जी एक प्रेरणा हैं। आने वाली पीढीयों को भी उनकी प्रेरणा मिलती रहेगी। मैं इस भारत रत्न सम्मान पाने वाले वाजपेयी जी के जीवन हमें सदा-सर्वदा प्रेरणा देता रहे, मार्गदर्शन देता रहे – यही प्रभु से प्रार्थना करता रहूँगा।"

90 वर्षीय वाजपेयी कई वर्षों से अल्जाइमर डिमेंशिया नामक बीमारी से पीड़ित हैं। अल्जाइमर डिमेंशिया भूलने की बीमारी है। 60 वर्ष की आयु के आसापास होने वाली इस बीमारी का कोई स्थायी उपचार अभी संभव नहीं है यद्यपि यदि इस बीमारी के आरंभ होते ही इसकी नियमित जांच और उपचार किया जाए तो इस पर नियंत्रण हो सकता है।