बया हमारी चिड़िया रानी।
तिनके लाकर महल बनाती, ऊँची डालों पर लटकाती, खेतों से फिर दाना लाती नदियों से भर लाती पानी।
तुझको दूर न जाने देंगे, दानों से आँगन भर देंगे, और हौज में भर देंगे हम मीठा-मीठा पानी।
फिर अंडे सेयेगी तू जब, निकलेंगे नन्हें बच्चे तब हम आकर बारी-बारी से कर लेंगे उनकी निगरानी।
फिर जब उनके पर निकलेंगे, उड़ जायेंगे, बया बनेंगे हम सब तेरे पास रहेंगे तू रोना मत चिड़िया रानी। बया हमारी चिड़िया रानी।
-महादेवी वर्मा
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