राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूँगा है। - महात्मा गाँधी।

प्रेमचंद कुछ संस्मरण

 (कथा-कहानी) 
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रचनाकार:

 मुंशी प्रेमचंद

प्रेमचंद अपनी वाक्-पटुता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। धीर-गंभीर दिखने वाले 'प्रेमचंद' कर्म और वाणी के धनी थे। प्रेमचंद के बहुत से किस्से कहे-सुने जाते हैं। यहाँ उन्हीं संस्मरणों को आपके लिए संकलित किया जा रहा है।

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कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर और मुंशी प्रेमचंद

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