गुरु गोविन्द दोनों खड़े काके लागूं पांय बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो दिखाय गोविन्द दियो दिखाय ज्ञान का है भण्डारा सत मारग पर पांव अपन गुरु ही ने डारा गोबिन्द लियो बिठाय हिये खुद गुरु के चरनन माथा दीन्हा टेक कियो कुल जीवन अर्पन
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सुख में सुमरन ना किया दुख में कीन्हा याद कबिरा ऐसे दास की कौन सुनै फरियाद कौन सुनै फरियाद करम को भोगै भाई सुख की कीन कमाई दुखै मा खरचे लाई जैसा बीजा बोई वही फल तो उपजाई बबुरा डार जमीन आम कहवां से खाई
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लूट सके तो लूट ले राम नाम की लूट पाछे जब पछताएगा प्राण जाहिं जब छूट प्राण जाहिं जब छूट साथ करनी रहि जावे अच्छी करनी निरख जगत तेरा यश गावे नरक स्वर्ग का लेख जोख करनी से होवे कबिरा आये खोल काहे जीवन को खोवे
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माला फेरत जुग गया फिरा ना मन का फेर कर का मनका छोड़ दे मन का मन का फेर मन का मनका फेर ध्रुव ने फेरी माला धरे चतुरभुज रूप मिला हरि मुरली वाला कहते दास कबीर माला प्रलाद ने फेरी धर नरसिंह का रूप बचाया अपना चेरो
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आया है किस काम को किया कौन सा काम भूल गए भगवान को कमा रहे धनधाम कमा रहे धनधाम रोज उठ करत लबारी झूठ कपट कर जोड़ बने तुम माया धारी कहते दास कबीर साहब की सुरत बिसारी मालिक के दरबार मिलै तुमको दुख भारी
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रात गंवाई सोय कर दिवस गंवाया खाय हीरा जन्म अनमोल ये जैसे रहा बहाय जैसे रहा बहाय सत्य को नहिं पहचाना राम भजन को छोड़ भरम में है भटकाना जगी चेतना तब जबै आ चढ़ा बुढ़ापा राम भया है याद बदन जब थर-थर कांपा
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घर का परदा खोलकर सनमुख ले दीदार बाल सनेही साइयां आवा अन्त का यार आवा अन्त का यार बचन मानो अब मेरे बालापन का मित्र पास रहिता है तेरे कहते दास कबीर हटा परदा अन्दर का देखो कर विश्वास दरश पाओ ईश्वर का
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राम नाम लीन्हा नहीं मानुष का तन पाय अन्त समय पछतायगा बांधा जमपुर जाय बांधा जमपुर जाय जन्म बन्दर का पैहो बाजीगर के साथ नाच घर घर दिखलैहौ कहते दास कबीर मानो अब बात हमारी जपौ राम को नाम सुनो सब नर औ नारी
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चलती चाकी देखि के दिया कबीरा रोय दो पाटन के बीच में साबित बचा न कोय साबित बचा न कोय लंका को रावण पीसो जिसके थे दस शीश पीस डाले भुज बीसो कहिते दास कबीर बचो न कोई तपधारी जिन्दा बचे ना कोय पीस डाले संसारी
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कबिरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर ना काहू से बैर ज्ञान की अलख जगावे भूला भटका जो होय राह ताही बतलावे बीच सड़क के मांहि झूठ को फोड़े भंडा बिन पैसे बिन दाम ज्ञान का मारै डंडा
- कबीर
[कबीर परिचय तथा रचनाएं - संपादन सुदर्शन चोपड़ा, हिन्द पॉकेट बुक्स] |