राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है। - अवनींद्रकुमार विद्यालंकार।

श्रमिक हाइकु

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

ये मज़दूर
कितने मजबूर
घर से दूर!

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करता श्रम
आएंगे अच्छे दिन
पाले है भ्रम!

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

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