पाँच पूत भारत माता के, दुश्मन था खूंखार गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह गये चार चार पूत भारत माता के, चारों चतुर-प्रवीन देश-निकाला मिला एक को, बाकी रह गये तीन तीन पूत भारत माता के, लड़ने लग गए वो अलग हो गया उधर एक, अब बाकी बच बच गए दो दो बेटे भारत माता के, छोड़ पुरानी टेक चिपक गया है एक गद्दी से, बाकी बच गया है एक एक पूत भारत माता का, कंधे पर है झंडा पुलिस पकड़ के जेल ले गई, बाक़ी बच गया अंडा
साभार - हज़ार हज़ार बाँहों वाली
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बाबा नागार्जुन की कविताएं Poems by Nagarjuna |