अँग्रेजी से प्यार है, हिंदी से परहेज, ऊपर से हैं इंडियन, भीतर से अँगरेज
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अंतरपट में खोजिए, छिपा हुआ है खोट, मिल जाएगी आपको, बिल्कुल सत्य रिपोट
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अंदर काला हृदय है, ऊपर गोरा मुक्ख, ऐसे लोगों को मिले, परनिंदा में सुक्ख
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अक्लमंद से कह रहे, मिस्टर मूर्खानंद, देश-धर्म में क्या धरा, पैसे में आनंद
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अंधा प्रेमी अक्ल से, काम नहीं कुछ लेय प्रेम-नशे में गधी भी, परी दिखाई देय
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अगर फूल के साथ में, लगे न होते शूल बिना बात ही छेड़ते, उनको नामाक़ूल
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अगर चुनावी वायदे, पूर्ण करे सरकार इंतज़ार के मजे सब, हो जाएं बेकार
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मेरी भाव बाधा हरो, पूज्य बिहारीलाल दोहा बनकर सामने, दर्शन दो तत्काल
- काका हाथरसी
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