मैं डॉक्टर नहीं हूँ मैं तुम्हारी बीमारी के लिए दवा नहीं दे सकती तुम्हारी कमज़ोरी के लिए टॉनिक नहीं दे सकती मैं कवि हूँ मैं सिर्फ दे सकती हूँ तुम्हें दिल की गहराई से निकली कविता इसे रख लो शायद फ़र्क़ पड़े शायद ढाढस मिले कभी-कभी शब्द चमत्कार कर जाते हैं।
-प्रीता व्यास |