जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

कार सरकार | हास्य

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi

नए-नए मंत्री ने 
अपने ड्राइवर से कहा— 
‘आज कार हम चलाएँगे।’ 

ड्राइवर बोला— 
‘हम उतर जाएँगे 
हुज़ूर, चलाकर तो देखिए 
आपकी आत्मा हिल जाएगी 
यह कार है, सरकार नहीं जो 
भगवान के भरोसे चल जाएगी।’ 

-शैल चतुर्वेदी

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