घर में आती जाती चिड़िया । सबके मन को भाती चिड़िया ।।
तिनके लेकर नीड़ बनाती , अपना घर परिवार सजाती , दाने चुन चुन लाती चिड़िया । सबके मन को भाती चिड़िया ।।
सुबह सुबह जल्दी जग जाती , मीठे स्वर में गाना गाती , हर दिन सुख बरसाती चिड़िया । सबके मन को भाती चिड़िया ।।
कभी नहीं वह आलस करती , मेहनत से वह कभी न डरती , रोज काम पर जाती चिड़िया । सबके मन को भाती चिड़िया ।।
हँसना , गाना कभी न भूलो , साहस हो तो नभ को छूलो , सबको यह सिखलाती चिड़िया । सबके मन को भाती चिड़िया ।।
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला |