देहात का विरला ही कोई मुसलमान प्रचलित उर्दू भाषा के दस प्रतिशत शब्दों को समझ पाता है। - साँवलिया बिहारीलाल वर्मा।

कैंप गीत

 (बाल-साहित्य ) 
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रचनाकार:

 डॉ. वंदना मुकेश | इंग्लैंड

इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे

चुन-चुन के फूल लाएँ
महके चमन हमारा
आओ यहाँ बनाएँ
हिंदोस्तां न्यारा
इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे

भाषाएँ कितनी भी हों
पहचान एक ही है
गायेंगे मिल के हम सब
गूँजेगी प्रेमभाषा।
इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे।

भारत के हम सिपाही
भारत के गीत गायेंगे
भारत का गौरव हम
विश्व में फैलायेंगे।
इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे।

-वंदना मुकेश, यू के
 ईमेल: vandanamsharma@hotmail.co.uk

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