‘सोज़े वतन' प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह है। तब वे 'नवाब राय' के नाम से उर्दू में लिखते थे। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ हैं, जो देश-प्रेम और आजादी के दीवानों की शहादत का भावपूर्ण चित्रण करती हैं। ‘सोज़े वतन' की लोकप्रियता से आशंकित हो कर ब्रिटिश सरकार ने इसकी प्रतियाँ जब्त कर ली थीं। इसका प्रकाशन 1908 में हुआ। इस संग्रह के कारण प्रेमचन्द को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दीं। इसके बाद नवाबराय से वे प्रेमचन्द हो गए।
इस संग्रह में पाँच कहानियाँ थीं:
1. दुनिया का सबसे अनमोल रत्न
2. शेख़ मख़मूर
3. यही मेरा वतन है
4. शोक का पुरस्कार
5. सांसारिक प्रेम
पाँचों कहानियाँ उर्दू भाषा में थीं, जिनका बाद में हिंदी अनुवाद उपलब्ध हुआ।
प्रस्तुति : रोहित कुमार 'हैप्पी' |