तुम मन में, तुम धड़कन में जीवन के इक इक पल में मोहपाश में बँधे तुम्हारे हमें थाम कर बनो हमारे।
जीवन में तुमने रंग भरे हैं होंठ गुलाबी और हुए हैं देखो हमको भूल न जाना प्राण हमारे तुम में पड़े हैं।
फूल-फूल गुलशन महके हैं इंद्रधनुषी रंग बिखरे हैं सुरभित मादक ब्यार दहकती अधरों से जब अधर मिले हैं।
धागे मन के जुड़ जाते हैं बुन जाते ताने-बाने हैं गूढ़ अर्थ जब ढूँढ निकाले कितने व्यापक ग्रंथ रचे हैं।
आदिम सी इक प्यास जगी है चुप्पी साधे रात पड़ी है मौन तोड़ हुई मन की बातें हवाओं ने तब छंद रचे हैं।
घूँट-घूँट को प्यासा तन है मन में कितने द्वन्द छिड़े हैं तन-मन एकाकार हुए जब आदिम स्वप्न पूर्ण हुए हैं।
- रीता कौशल, ऑस्ट्रेलिया PO Box: 48 Mosman Park WA-6912 Australia Ph: +61-402653495 E-mail: rita210711@gmail.com |