अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल

जंगल की कहानियाँ

 (बाल-साहित्य ) 
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रचनाकार:

 प्रेमचंद | Premchand

सरस्वती प्रेस से श्रीपतराय (प्रेमचन्द के पुत्र) ने 1948 में 'जंगल की कहानियां' नामक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसमें प्रेमचंद की 12 बाल कहानियां हैं। इन बाल कहानियों में - शेर और लड़का, बनमानुष की दर्दनाक कहानी, दक्षिण अफ्रीका में शेर का शिकार, गुब्बारे का चीता, पागल हाथी, साँप की मणि, बनमानुष का खानसामा, मिट्ठू, पालतू भालू, बाघ की खाल, मगर का शिकार, और जुड़वा भाई सम्मिलित हैं। 

आइए, प्रेमचंद की इन बाल कहानियों का आनंद लें। 

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शेर और लड़का
बनमानुस की दर्दनाक कहानी
दक्षिणी अफ्रीका में शेर का शिकार

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